गृह प्रवेश पूजा केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि नए जीवन की एक आध्यात्मिक और भावनात्मक शुरुआत होती हैं। गृह प्रवेश एक विशेष संस्कार है जो नए घर में सुख, शान्ति और सुखद जीवन का आव्हान करने के लिए किया जाता हैं।
जब कोई नया घर बनता हैं या खरीदा जाता हैं तो केवल ईट – पत्थर का एक ढाचां होता हैं। उसे “घर” तब माना जाता हैं जब उसमें सकारात्मक ऊर्जा, भगवान का आशीर्वाद और परिवार का प्रेम बस जाता हैं। इसी उद्देश्य से गृह प्रवेश पूजा की जाती हैं।
गृह प्रवेश पूजा को वैदिक परंपरा में उच्च स्थान दिया गया हैं। यह माना जाता हैं की नए घर में प्रवेश से पहले देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त करना महत्वपूर्ण होता हैं। गृह प्रवेश के लिए शुभ मुहूर्त, पवित्र,सामग्री,हवन, मंत्रों का उच्चारण और विशेष विधियों का पालन किया जाता हैं।
यह केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि भगवान और प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने का सुन्दर माध्यम है। यह पूजा जीवन में सकारात्मक और शुद्ध शुरुआत का प्रतीक होती हैं।
गृह प्रवेश पूजा क्या हैं?
गृह प्रवेश सिर्फ एक पावन रस्म नहीं, बल्कि भावना, विश्वास और सकारात्मक ऊर्जा को प्राप्त करने की प्रक्रिया हैं, जब कोई व्यक्ति नए मकान बनवाता हैं या खरीदता हैं, तो उसके नए जीवन की शुरुआत का प्रतीक होता हैं।
ऐसे में उसमे प्रवेश करने से पहले उस स्थल को पवित्र और सकारात्मक बनाने के लिए गृह प्रवेश पूजा की जाती हैं। यह पूजा उस समय की जाती हैं जब परिवार पहली बार नए घर में प्रवेश करता हैं, हिन्दू परंपरा के अनुसार हर स्थल की अपनी एक ऊर्जा होती हैं।
नया घर होने के बावजूद वहां वास्तु दोष या पूर्व स्थान की कुछ नकारात्मक ऊर्जा हो सकती हैं, गृह प्रवेश पूजा का उद्देश्य इन सभी अशुभ प्रभावों का दूर करना होता हैं, ताकि घर में प्रवेश करने से पहले ही सुख, शान्ति, सम्रद्धि और सकारात्मकता का प्रभाव शुरू हो सकें।
इस पूजा में हवन, मंत्रों का उच्चारण, देवी-देवताओं का आमंत्रण, वास्तु शांति और कलश स्थापना जैसी क्रियाएँ की जाती हैं, पण्डित जी द्वारा मुहूर्त देखकर यह पूजा कराई जाती हैं, ताकि सही समय पर इश्वर की कृपा के साथ घर मैं प्रवेश हो।
गृह प्रवेश केवल एक ईटों से बने ढाँचे में जाने की प्रक्रियां नही हैं – बल्कि यह उस मकान को घर में बदलने का पहला कदम होता हैं। यह पूजा हमारे विश्वास, संस्कृति और इश्वर के प्रति सामर्पन्न का प्रतीक होती हैं।
जिसमें हम अपने नए जीवन की शुरुआत भगवान के नाम से करते हैं, ताकि आने वाला दिन शुभ और मंगलमय हो।
गृह प्रवेश पूजा का महत्व
गृह प्रवेश पूजा का महत्व केवल धार्मिक दृष्टिकोण से की गयी पूजा हैं। हिन्दू परंपरा के हिसाब से, हर जगह अपनी एक ऊर्जा होती हैं – अच्छी भी हो सकती हैं और कभी नकारात्मक भी हो सकती हैं।
नए घर के अन्दर निर्माण के दौरान जगह के पुराने इतिहास या वास्तु दोष के वजह से थोड़ी अशुभ ऊर्जा रह जाती हैं, गृह प्रवेश पूजा उसी को दूर करने का एक पवित्र तरीका हैं।
इस पूजा के बाद ऐसा महसूस होता हैं जैसे घर में एक नयी रौशनी आ गयी हो, भगवान का आशीर्वाद लेके जब घर में प्रवेश होता हैं तो हर कदम पे लगता हैं की सब कुछ शुद्ध और सकारात्मकता से पूर्ण हो गया हैं। यह सिर्फ एक पूजा नहीं ,एक भावुक संबंध होता हैं अपने सपनो के घर के साथ।
गृह प्रवेश पूजा के प्रकार
देखा जाए तो गृह प्रवेश सभी के लिए एक विशेष क्षण होता हैं लेकिन हर किसी की परिस्तिथि अलग होती हैं, इसलिए हिन्दू धर्म के अनुसार गृह प्रवेश पूजा के भी अलग अलग प्रकार होते हैं –
अपूर्व प्रवेश – जब कोई व्यक्ति अपने नए ख़रीदे हुए घर में पहली बार प्रवेश करता हैं, तो इस प्रकार की पूजा होती हैं। यह सबसे महत्वपूर्ण पूजा होती हैं, क्योंकिं घर बिलकुल नया नया होता हैं और इस जगह को पवित्र बनाना जरूरी होता हैं।
सपुर्व प्रवेश – यह पूजा तब की जाती हैं जब आप अपने घर में वापस आ रहे हो – जैसे विदेश यात्रा के बाद या घर काफी समय से बंद हो, इस पूजा का उद्देश्य होता हैं वापस घर की ऊर्जा को जागृत करना।
द्वान्ध्व प्रवेश – अगर घर में मरम्मत या पुनःनिर्माण कहा हैं और आप दुबारा उसमे प्रवेश कर रहे हो तो यह पूजा की जाती हैं। मरम्मत के समय कोई नकारात्मक उर्जा आ सकती हैं, जो इस पूजा से दूर होती हैं।
हर प्रकार की पूजा का एक ही उद्देश्य होता हैं – घर में शुद्धता, सकारात्मक ऊर्जा और भगवान का आशीर्वाद बना रहे।
गृह प्रवेश पूजा के लाभ
यह पूजा एक ऐसा अनुष्ठान हैं जो नए घर में प्रवेश करने से पहले किया जाता हैं, गृह प्रवेश पूजा में वास्तु शान्ति, हवन, और देवताओं की पूजा शामिल होती हैं, जो घर में शुभ वातावरण बनाने में मदद करती हैं।
गृह प्रवेश पूजा से होने वाले –
- वास्तु दोष का निवारण – अगर घर बनाते वक़्त कोई दिशा या नियम गलती से छूट गया हो तो यह पूजा उसे शांत कर देती हैं।
- ऊर्जा का शुद्धिकरण – हवन और मंत्रों से घर की ऊर्जा सकारात्मक हो जाती हैं, नकारात्मक ताक़त जाती हैं और सुखद पर्यावरण बन जाता हैं।
- भगवान का आशीर्वाद – देवीं – देवताओं को याद करके जब पूजा होती हैं, तो ऐसे लगता है जेसे वह खुद आकर अपना आशीर्वाद दे रहे हो।
- परिवार में एकता – सभी लोग एक साथ बैठकर पूजा करते हैं – एक अनोखा प्रेम बंधन महसूस होता है।
- प्रकृति से जुड़ाव – गंगाजल, तुलसी, अशोक के पत्ते जैसे साधन से घर में प्राकृतिक शुद्धता आती हैं, और घर और मन दोनों ताज़ा हो जाते हैं।
- अपनी संस्कृति का सम्मान – यह पूजा हमारे संस्कार,परंपरा का एक हिस्सा हैं, इससे हम अपने बच्चों का भी हमारे सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ते हैं।
गृह प्रवेश पूजा की सामग्री
इस पूजा में जो सामग्री उपयोग होती हैं, उनका धार्मिक महत्व होता हैं। कोई सामग्री या पूजा सिर्फ़ formality के लिए नही होतीं – हर एक सामग्री का अपना एक महत्व होता हैं, गृह प्रवेश पूजा में काम आने वाली सामग्री का उल्लेख कुछ इस प्रकार हैं –
- कलश (ताम्बें या चांदी का) – इसमें जल भर कर ऊपर नारियल और आम के पत्ते लगाए जाते हैं, यह मंगल और शुभ ऊर्जा का प्रतीक होता हैं।
- नारियल – श्रद्धा और पूर्णता का प्रतीक होता हैं।
- आम के पत्ते – घर में ताज़गी और सकारात्मकता लाए इसलिए लगाए जाते हैं।
- गंगाजल – पवित्रता के लिए और घर की शुद्धि के लिए छिड़काव होता हैं।
- रोली, अक्षत (चावल), हल्दी, कुमकुम और फूल – मूल पूजन सामग्री।
- फल, मिठाई और पंचमेवा – प्रसाद के रूप में प्रयोग लिए जाते हैं।
- दीपक, कपूर एवं अगरबत्ती – आरती और सकारात्मक ऊर्जा के लिए।
- घी, हवन कुंड, हवन चूर्ण एवं लकड़िया – हवन के लिए ज़रूरी।
- स्वास्तिक चिन्ह, कलावा और धुर्वा घास – शुभ प्रतिक होते हैं।
- अन्य हवन सामग्री – काला तिल,चन्दन पाउडर, लोभान, नागकेसर,गुलाब की पंखुड़ियां, तगर, अगर, वाला, लाल चन्दन, गूगल।
यह सभी सामग्री एक साधारण घरेलू पूजा को भी एक पवित्र अनुभव में बदल देती हैं। आपको बस इन पूजा को थोड़ी सी भक्ति और ध्यान के साथ करना है।
गृह प्रवेश पूजा की विधि
इस पूजा का मुख्य उद्देश्य घर को नकारात्मक ऊर्जा से शुद्ध करना और सकारात्मकता और समृद्धि को आमंत्रित करना है, यह पूजा नए घर में रहने वाले लोगो के लिए शुभ शुरुआत और आशीर्वाद का प्रतिक होता है।
गृह प्रवेश पूजा की विधि कुछ इस प्रकार है –
1. पूजा से पहले की तैयारी
- सबसे पहले पण्डित जी द्वारा शुभ मुहूर्त निकाला जाएगा (ग्रहण, अमावस्या, या अशुभ तिथियों से बचें)
- घर को यथाशक्ति साफ़ करें और गंगाजल छिड़क कर शुद्ध करें।
- मुख्य द्वार पर तोरण (आम के पत्ते) लटकाए और रंगोली बनाए।
- पूजा का स्थान चुने, उत्तर पूर्व सबसे उपयुक्त माना जाता हैं।
- सारी सामग्री पहले से ही पूजा स्थल पर सहेज कर रखें।
- लकड़ी की चौकी पर लाल कपड़ा होना अनिवार्य है।
2. पूजा विधि
- घर के मुख्य द्वार का पूजन (घर के मुख्य द्वार पर स्वास्तिक बनाए, दीप जलाएं एवं कलश स्थापित करें)।
- गणेश पूजन (सबसे पहले भगवान गणेश जी को याद करें, और उनकी पूजा करें)।
- वास्तु पूजन (पूजा के दौरान घर के हर कोने को याद किया जाता है और वास्तु दोष दूर किया जाता हैं)।
- स्वर्ग की आराधना का अनुभव (पण्डित जी मंत्रौचार के साथ पूजा करते हैं, इससे घर में पवित्रता और सकारात्मक ऊर्जा का एहसास होता हैं)।
- कलश प्रवेश (गृह स्वामी कलश को लेकर घर की चौखट की और बढ़ता है, पंडितजी के कहे अनुसार उस कलश को चौखट पर रखता है, गृह स्वामिनी कलश को दाहिने पैर से लात मारकर आगे बढती है।
- पहला भोजन/रसोई (रसोई में पहली बार दूध उबालना और उसका गिरना शुभ माना जाता है, इसके बाद कुछ मीठा बनाया जाता है जैसे हलवा, खीर आदि)।
- आरती एवं प्रसाद (अंत में सभी लोग मिलकर भगवान की आरती करते है, और प्रसाद बांटते है – इससे घर में एकता और शुभ वातावरण माना जाता है।
- 11 या 21 ब्राह्मणों को भोजन कराया जाता है और उन्हें दक्षिणा दी जाती है।
गृह प्रवेश के लिए ऑनलाइन पण्डित कैसे बुक करें?
आज के समय में जब कुछ घर बेठे हो रहा है, तो गृह प्रवेश पूजा के लिए पंडित जी बुलवाना भी अब बहुत सरल हो गया है। North Indian Pandits एक ऐसा सरल माध्यम है जहाँ से आप अपने शहर में किसी भी पूजा के अनुभवीं पंडितजी बुक कर सकते है।
North Indian Pandits के माध्यम से गृह-प्रवेश की लागत कई बातों पर निर्भर करती हैं, जैसे की पूजा का प्रकार, उसकी अवधि (कितने दिन चलेगी) ब्राह्मणों की संख्या और दी जाने वाली दक्षिणा आदि।
North Indian Pandits से बुकिंग करने का तरीका
- अपने मोबाइल फ़ोन पर हमारी वेबसाइट का नाम https://northindianpandits.com/ सर्च करें।
- हमारी वेबसाइट पर जाएँ और “गृह प्रवेश पूजा” चुनें ।
- अपना शहर (नगरीय स्थल), दिन(तारीख ) और भाषा बताएं।
- जानकारी भरें फिर कुछ ही समय में हमारी टीम के द्वारा आपके पास एक कन्फर्मेशन कॉल आएगा।
- पूजा कन्फर्म होने के 30 से 40 मिनट बाद आपको पंडित जी का कॉल आ जाएगा, जो आपको पूजा से सम्बंधित सभी जानकारी बता देंगे।
Note: North Indian Pandits किसी भी प्रकार से आपसे रजिस्ट्रेशन फॉर्म फिल करने या पंडित जी से बात करने तक किसी भी तरह की कोई फीस नही लेता है।
गृह प्रवेश पूजा के समय क्या करें और क्या ना करें?
यह पूजा आपके सौभाग्य के लिए की जाती है, इसलिए यह जानना बहुत ज़रूरी है कि पूजा के दौरान आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए।
- गृह प्रवेश पूजा के बाद घर के मालिक को 3 दिनों तक घर में रहना चाहिए।
- इस पूजा के दौरान दूध उबालना और शंख बजाना जैसी रस्में की जाती हैं, जिसका उद्देश्य घर से बुरी आत्माओं को दूर भगाना और घर में सुख, शांति और समृद्धि लाना होता हैं।
- गृह प्रवेश पूजा में प्लास्टिक के बजाय स्टेनलेस स्टील के बर्तनों का उपयोग करना चाहियें।
- पूजा करते समय मन शुद्ध रखना चाहिए, पंडित जी के द्वारा पढ़े जा रहे मन्त्रों को ध्यान से सुनें और उनका उच्चारण पवित्रता के साथ करें।
निष्कर्ष
गृह प्रवेश पूजा केवल ईटों के घर में कदम रखने का काम नहीं करती – यह इस घर को एक जीवित, पवित्र और उर्जावान जगह में बदल देती हैं। जब हम भगवान का नाम लेकर उस घर में प्रवेश करते हैं तो हर दीवार, हर कोना आशीर्वाद से भर जाता हैं। नए जीवन की यह शुरुआत तभी मंगलमय बनेगी जब उसमे श्रद्धा, पवित्रता और इश्वर का समर्पण हो।