जय अम्बे गौरी आरती (Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics) माता दुर्गा की सबसे लोकप्रिय और पूजनीय आरती मानी जाती है। यह आरती हर नवरात्रि, दुर्गा पूजा और देवी माँ के विशेष अवसरों पर गाई जाती है। जब भक्त प्रेम और श्रद्धा से “जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी” का पाठ करते हैं, तो वातावरण में भक्ति और शांति का माहौल बन जाता है।
हिंदू धर्म में माँ दुर्गा शक्ति की देवी मानी जाती हैं। वे अपने भक्तों को साहस, बल और जीवन में सफलता का आशीर्वाद देती हैं। इस आरती को गाने से मन की नकारात्मकता दूर होती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
घर में जब यह आरती गाई जाती है तो माहौल पवित्र हो जाता है और पूरे परिवार में भक्ति का भाव बढ़ता है। जय अम्बे गौरी आरती सरल शब्दों में लिखा गया है। यही कारण है कि बच्चे, युवा और बड़े सभी इसे आसानी से गा सकते हैं।
मंदिरों में रोज़ और विशेषकर नवरात्रि के दिनों में यह आरती भक्तों के समूह द्वारा गाई जाती है। इस ब्लॉग में हम जय अम्बे गौरी आरती (Jai Ambe Gauri Lyrics) उनकी महत्वता, लाभ एवं इनको गाने एवं सुनने का सही समय व विधि के बारे में जानेंगे।
Jai Ambe Gauri Lyrics in Hindi: जय अम्बे गौरी आरती हिंदी में
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी
तुमको निशिदिन ध्यावत तुमको निशिदिन ध्यावत
हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिंदूर विराजित टीको जगमग तो
मैया टीको जगमग तो उज्ज्वल से दोउ नैना
उज्ज्वल से दोउ नैना चंद्रवदन नीको
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै मैया रक्ताम्बर राजै रक्तपुष्प गल माला
रक्तपुष्प गल माला कंठन पर साजै
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन राजत खड्ग खप्पर धारी मैया खड्ग खप्पर धारी सुर नर मुनिजन सेवत
सुर नर मुनिजन सेवत तिनके दुखहारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुण्डल शोभित नासाग्रे मोती मैया नासाग्रे मोती
कोटिक चंद्र दिवाकर कोटिक चंद्र दिवाकर सम राजत ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
शुंभ निशुंभ बिदारे महिषासुर घाती मैया महिषासुर घाती
धूम्र विलोचन नैना धूम्र विलोचन नैना निशदिन मदमाती
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे शोणित बीज हरे मैया शोणित बीज हरे मधु कैटभ दोउ मारे
मधु कैटभ दोउ मारे सुर भयहिन करे
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रहमाणी रुद्राणी तुम कमला रानी मैया तुम कमला रानी
अगम निगम बखानी अगम निगम बखानी तुम शिव पटरानी
ॐ जय अम्बे गौरी
चौंसठ योगिनी गावत नृत्य करत भैरों मैया नृत्य करत भैरों
बाजत ताल मृदंगा बाजत ताल मृदंगा ओर बाजत डमरू
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता तुम ही हो भरता मैया तुम ही हो भरता भक्तन की दुख हरता
भक्तन की दुख हरता सुख संपति करता
ॐ जय अम्बे गौरी
भुजा चार अति शोभित वर-मुद्रा धारी मैया वर मुद्रा धारी मनवांछित फल पावत
मनवांछित फल पावत सेवत नर नारी
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन ढाल विराजत अगर कपूर बाती मैया अगर कपूर बाती
श्रीमालकेतु में राजत श्रीमालकेतु में राजत कोटि रतन ज्योती
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अम्बे जी की आरती जो कोई नर गावे मैया जो कोई नर गावे कहते शिवानंद स्वामी
कहते शिवानंद स्वामी सुख सम्पति पावे
ॐ जय अम्बे गौरी
जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी तुमको निशिदिन ध्यावत
तुमको निशिदिन ध्यावत हरि ब्रह्मा शिवरी
ॐ जय अम्बे गौरी
Jai Ambe Gauri Lyrics in English: जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
JAI AMBE GAURI MAIYYA JAI SHYAMA GAURI
TUMKO NISHDIN DHYAWAT TUMKO NISHDIN DHYAWAT
HARI BRAHMA SHIVRI
OM JAI AMBE GAURI
MAANG SINDOOR VIRAAJIT TEEKO JAGMAG TO
MAIYYA TEEKO JAGMAG TO UJJWAL SE DAU NAINA
UJJWAL SE DAU NAINA CHANDRAVAN NEEKO
OM JAI AMBE GAURI
KANAK SAMAAN KALEWAR
RAKTAMBAR RAAJE RAKTPUSHP GAL MAALA
RAKTPUSHP GAL MAALA KANTHAN PAR SAAJE
OM JAI AMBE GAURI
KEHARI VAAHAN RAAJAT KHADAG KHAPPAR DHAARI
MAIYYA KADAG KHAPPAR DHAARI SUR NAR MUNIJAN SEWAT
SUR NAR MUNIJAN SEWAT SEWAT TINKE DUKHAARI
OM JAI AMBE GAURI
KAANAN KUNDAL SHOBHIT NASAGRE MOTI MAIYYA NAASAGRE MOTI
KOTIK CHANDRA DIVAAKAR KOTIK CHANDRA SAM RAAJAT JYOTI
OM JAI AMBE GAURI
SHUMBH NISHUMBH BIDAARE MAHISHAASUR GHATI MAIYYA MAHISHAASUR GHATI
DHUMR VILOCHAN NAINA DHUMR VILOCHAN NAINA NISHDIN MADMAATI
OM JAI AMBE GAURI
CHAND-MUND SANHAARE SHONIT BEEJ HARE MAIYYA SHONIT BEEJ HARE MADHU KETHABH DOU MAARE
MADHU KETHAB DOU MAARE SUR BHAYHIN KARE
OM JAI AMBE GAURI
BRAHMINI RUDRANI TUM KAMLA RANI MAIYYA TUM KAMLA RANI
AGAM NIGAM BAKHANI AGAM NIGAM BAKHANI TUM SHIV PATRANI
OM JAI AMBE GAURI
CHAUSATH YOGINI GAAWAT NRITY KARAT BHAIRON MAIYYA NRITY KARAT BHAIRON
BAAJAT TAAL MRIDINGA BAAJAT TAAL MRIDANGA OR BAAJAT DAMRU
OM JAI AMBE GAURI
TUM HI JAG KI MAATA TUM HI HO BHARTA MAIYYA
TUM HI HO BHARTA MAIYYA TUM HI HO BHARTA BHAKTAN KI DUKH HARTA
BHAKTAN KI DUKH HARTA SUKH SAMPATTI KARTA
OM JAI AMBE GAURI
BHUJA CHAAR ATI SHOBHIT VAR-MUDRA DHAARI MAIYYA VAR MUDRA DHAARI
MANVANCHIT FAL PAAVAT
MANVAANCHIT FAL PAAVAT SEWAT NAR NAARI
OM JAI AMBE GAURI
KANCHAN DHAAL VIRAAJAT AGAR KAPOOR BAATI MAIYYA AGAR KAPOOR BAATI
SHREE MALKETU MEIN RAJAT SHREE MALKETU MEIN RAJAT KOTI RATAN JYOTI
OM JAI AMBE GAURI
SHREE AMBE JI KI AARTI JO KOI NAR GAAVE MAIYYA JO KOI NAR GAAVE KEHTE SHIVANAND SWAMI
KEHTE SHIVANAND SWAMI SUKH SAMPATI PAAVE
OM JAI AMBE GAURI
JAI AMBE GAURI MAIYYA JAI SHYAMA GAURI TUMKO NISHDIN DHYAWAT
TUMKO NISHDIN DHYAWAT HARI BRAHMA SHIVRI
OM JAI AMBE GAURI
जय अम्बे गौरी आरती का महत्व – Importance of Jai Ambe Gauri Aarti Lyrics
“जय अम्बे गौरी” एक आरती नहीं, बल्कि माता दुर्गा की स्तुति और उनकी कृपा पाने का माध्यम है। जब भक्त पुरे मन और श्रद्धा से इसे आरती को गेट है, तो माँ अम्बे प्रसन्न होती है और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं।
माना जाता है की “जय अम्बे गौरी” गाने से जीवन की मुश्किलें कम होती है, और मन में साहस तथा आत्मविश्वास बढ़ता है। यह आरती हमें सिखाती है कि “जय अम्बे गौरी” गाने से जीवन की मुश्किलें कम होती हैं और मन में साहस तथा आत्मविश्वास बढ़ता हैं।
यह आरती हमें सिखाती है की शक्ति, भक्ति और विश्वास के साथ हर समस्या का हल निकला जा सकता हैं। नवरात्री और दुर्गा पूजा जैसे त्यौहार में इस आरती का महत्व और बढ़ जाता हैं।
जब सैकड़ों भक्त मिलकर इस आरती को गाते है तो वातावरण ऊर्जा, भक्ति और उत्साह से भर जाता हैं। यह आरती घर और मंदिर दोनों जगहों पर पवित्रता और सकारात्मकता लाती हैं।
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जय अम्बे गौरी आरती सुनने और गाने से नकारात्मक विचार दूर होते हैं, मन को शान्ति मिलती हैं और आत्मा को शक्ति प्राप्त होती हैं। यही कारण है की इसे हर दिन विशेषकर सुबह और शाम गाना अत्यंत शुभ माना जाता हैं।
माँ दुर्गा की आरती करने का सही समय और विधि
सही समय:
- इस भजन को सबसे शुभ समय सुबह सूर्योदय के बाद और शाम सूर्यास्त के समय माना जाता है।
- नवरात्रि, व्रत, शुक्रवार और मंगलवार के दिन इसे गाना या सुनना बहुत फलदायी होता हैं।
- कोई भी शुभ कार्य, पूजा या हवन शुरू करने से पहले इसे गाना वातावरण को पवित्र करता हैं।
विधि:
- सबसे पहले स्नान करके साफ़ कपड़े पहनें।
- माँ अम्बे की मूर्ति या तस्वीर के सामने दीपक और अगरबत्ती जलाएं।
- लाल या पीले फूल चढ़ाकर माँ को प्रणाम करें।
- अब शुद्ध मन और श्रद्धा से “जय अम्बे गौरी आरती” गाएं या सुने।
- अंत में माँ से प्रार्थना करें की वे घर और परिवार को सुख-समृद्धि का आशीर्वाद दें।
जय अम्बे गौरी आरती के लाभ: Benefits of Chant Jai Ambe Gauri Aarti
“जय अम्बे गौरी आरती” गाने या सुनने के कई आध्यात्मिक और मानसिक लाभ माने जाते हैं। सबसे बड़ा लाभ यह है की इससे माँ अम्बे का आशीर्वाद मिलता है और जीवन की कठिनाइयाँ आसान होती हैं।
जब कोई व्यक्ति श्रद्धा से इस भजन का पाठ करता है तो उसके मन में साहस, शक्ति और आत्मविश्वास बढ़ता है। इस भजन को सुनने से वातावरण पवित्र हो जाता हैं।
घर या मंदिर में इसका गायन नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। परिवार में शांति, आप्सिप्रेम और सहयोग की भावना भी बढ़ती हैं। “जय अम्बे गौरी आरती” का नियमित जाप मानसिक शान्ति प्रदान करता है। तनाव, चिंता और डर जैसे नकारात्मक भाव कम होने लगते हैं।
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इसके अलावा भक्तों का विश्वास है की यह भजन स्वास्थय, धन और सुख-समृद्धि के द्वार खोलता है। का नियमित जाप मानसिक शांति प्रदान करता है। नवरात्रि और विशेष अवसरों पर इस भजन का महत्व और भी बढ़ जाता है।
इस समय गाए गए भजन से माँ दुर्गा जल्दी प्रसन्न होती हैं और भक्त की मनोकामनाएँ पूरी करती हैं। इसलिए कहा जाता है कि इस भजन का लाभ केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं बल्कि मानसिक और सामाजिक जीवन में भी मिलता है।
निष्कर्ष – Conclusion
जय अम्बे गौरी आरती, माँ अम्बे की महिमा का एक पावन भजन है। इसे सुनना या गाना भक्तों के लिए शक्ति का प्रतीक माना जाता हैं। इस भजन का महत्व केवल पूजा-पाठ तक सीमित नहीं हैं, बल्कि यह मन को शान्ति और आत्मा को सुकून भी देता हैं।
सुबह-शाम के समय श्रद्धा से गाए गए “जय अम्बे गौरी आरती” से वातावरण शुद्ध और सकारात्मक हो जाता है। नवरात्री और अन्य शुभ त्योहारों पर इसका पाठ माँ दुर्गा को प्रसन्न करता है और वे अपने भक्तों पर कृपा बरसाती हैं।
इस भजन के माध्यम से हम माँ अम्बे से जीवन की हर मुश्किल को पार करने की शक्ति, परिवार की खुशियाँ और समृद्धि की प्रार्थना करते हैं। यही कारण है की यह भजन हर घर, हर पूजा और हर मंदिर में विशेष स्थान रखता है।
अंत में कहा जा सकता है कि “Jai Ambe Gauri Aarti” केवल शब्द नहीं है, बल्कि यह भक्ति और श्रद्धा का अद्भुत संगम है, जो भक्त और देवी माँ के बीच गहरा संबंध स्थापित करता हैं।